SSY भारत सरकार की एक पहल है जिसे 2015 में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत शुरू किया गया था, जो विशेष रूप से बालिकाओं की वित्तीय सुरक्षा और शिक्षा को पूरा करती है।
प्रमुख विशेषताऐं: खाता संचालन: माता-पिता/अभिभावक लड़की के 10 वर्ष की होने तक खाते का प्रबंधन कर सकते हैं। बालिका 18 वर्ष की होने पर खाता संचालित कर सकती है। जमा: न्यूनतम जमा राशि रु. 500, अधिकतम रु. 1.5 लाख प्रति वर्ष. इसे 15 साल तक बनाए रखना होगा, लेकिन स्कीम 21 साल बाद मैच्योर होती है। स्थानांतरण: निवास स्थान बदलने पर भारत के भीतर खाता स्थानांतरण निःशुल्क है। ब्याज: वर्तमान में 8% प्रति वर्ष चक्रवृद्धि दर पर। कर लाभ: निवेश, कर-मुक्त ब्याज और कर-मुक्त निकासी के लिए धारा 80सी के तहत कर छूट प्रदान करता है। पात्रता: 10 वर्ष से कम उम्र की निवासी भारतीय बालिकाएं प्रति परिवार अधिकतम दो खाते और जुड़वा बच्चों के लिए तीसरा खाता खोल सकती हैं। आवश्यक दस्तावेज़: बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, आईडी प्रमाण, जमाकर्ता का पता प्रमाण, और अन्य अनुरोधित दस्तावेज़। निकासी: लड़की के 18 वर्ष की होने के बाद शिक्षा के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिससे पिछले वर्ष की शेष राशि का 50% निकालने की अनुमति मिलती है। समय से पहले बंद करना: कुछ स्थितियों में अनुमति दी जाती है जैसे लड़की के 18 वर्ष की होने के बाद शादी, गैर-नागरिक स्थिति, या जीवन-घातक बीमारियों जैसी विशेष परिस्थितियों में। खाता खोलना: एक सरल आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से डाकघरों या अधिकृत बैंकों में खोला जा सकता है। पासबुक: जमा, ब्याज और लेनदेन को ट्रैक करने के लिए प्रदान किया गया। समापन: खाता 21 वर्ष के बाद परिपक्व होता है, और जमा राशि ब्याज सहित निकाली जा सकती है।