सोनी और जी एंटरटेनमेंट के बीच हुए मर्जर के मामले में, जी एंटरटेनमेंट ने कहा है कि उन्होंने सोनी से यह कहने की कोशिश की है कि वे इस मर्जर को फिर से शुरू करें और इस मुद्दे पर सोनी को कोर्ट में दायर कर दिया है। सोनी ने पिछले हफ्ते इस सौदे को रद्द कर दिया था, जिसका कुल मूल्य कहा जा रहा है कि $10 बिलियन है। इस मर्जर से जुड़े हुए, जी और सोनी की संयुक्त शाखा के बनने से दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में एक संभावित सामग्री और मनोरंजन का केंद्र बनता। जी के माध्यम से सोनी को स्थानीय सामग्री तक पहुंचने का मौका मिलता, जिससे इसे भारतीय मनोरंजन बाजार में बड़ा पैर मिलता। जी, जो घरेलू खिलाड़ियों जैसे डिज़्नी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ घेराबंदी का सामना कर रहा है, को सोनी के समर्थन से लाभ होता। जी ने कहा है कि सोनी के द्वारा कहा गया मर्जर समझौते को रद्द करने का अधिकार उन्हें नहीं है और इसका दावा किया है कि रद्दीकरण शुल्क “कानूनी रूप से अस्वीकृत है और उसमें कोई आधार नहीं है”।
- मर्जर की अनुरोधना और कोर्ट में दावा: जी एंटरटेनमेंट ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने सोनी से अपने बड़े होने वाले मर्जर को पुनर्स्थापित करने की कोशिश की है और इस मामले में सोनी के खिलाफ कोर्ट में दावा दायर किया है।
- मर्जर की मूल्य: सोनी ने पिछले सप्ताह जी के साथ होने वाले मर्जर को रद्द कर दिया, जिसका कुल मूल्य $10 बिलियन कहा जा रहा है।
- ब्रेकअप फीस की मांग: सोनी ने इस मर्जर के टूटने पर जी से $90 मिलियन की ब्रेकअप फीस की मांग की है, जिसे जी ने कानूनी रूप से अस्वीकार किया है।
- मीडिया प्राधिकृत्य: जी, जो भारत में महत्वपूर्ण मीडिया है, कई टीवी चैनल्स, एक मूवी स्टूडियो, और स्थानीय स्ट्रीमिंग सेवा के मालिक है।
- कोर्ट के बहाने जवाब: जी ने सोनी के द्वारा कहा गया मर्जर को रद्द करने के लिए उन्हें अधिकार नहीं है और उनका दावा किया है कि रद्दीकरण शुल्क का दावा “कानूनी रूप से अस्वीकृत है और उसमें कोई आधार नहीं है”।
- समर्थन और सुरक्षा की कदमें: जी ने कहा है कि सोनी को अपने समर्थन से वापस लौटने और सौदा पूरा करने के लिए उनके दावे को वापस लेने के लिए कहा गया है और उनका दावा है कि सोनी उनकी कर्तव्यों में असफल है।